उत्सव मनाना। उत्सव मनाना। उत्सव मनाना।
मैंने कहा अपने परिवार को उत्सव मनाना। इस करोना को देखकर ना घबराना।
और अगर मैं चला जाऊं तो उत्सव मनाना।
जिस दिन मैं आया था मेरे परिवार में उत्सव मनाया था।
जिस दिन मैं जाऊं इस संसार से तो भी उत्सव मनाना।
कुछ भी नहीं था जब मैं इस संसार में आया था।
फिर भी उत्सव बनाया था।
आज सब कुछ है मेरे पास तो उत्सव मनाना।
आत्मा अजर है अमर है फिर क्यों घबराना।
क्यों दुखी होना परेशान होना क्यों सर को खुजाना।
मान लो मेरी बात और उत्सव मनाना।
जिंदगी से सारी। निराशा हताशा खत्म करो। और मुस्कुराना।
और जब मैं चला जाऊं तो उत्सव बनाना।
क्या लेकर आए थे क्या लेकर जाना बात यह समझ लो और उत्सव मनाना।
आंसू ना किसी की आंख में आए ना कभी पछताना। याद मेरी आए तो।आए तो उत्सव बनाना।
जो कोई रोए और चिल्लाए तो उसको समझाना।
और याद मेरी आए तो उत्सव बनाना।
मेरा जन्म कर्म की एक गति है।
मेरी मृत्यु भी कर्म की एक गति है।
फिर क्यों हड़बड़ाना। मैं चला जाऊं तो उत्सव बनाना।
आदमी आदमी से डर रहा है।
एक दूसरे से बच के निकल रहा है।
बात समझ आए तो मुझको समझाना।
और मैं चला जाऊं तो उत्सव मनाना।
शर्म आती है इंसान का यह कर्म देखकर।
नेताओं का इतनी बेशर्मी से इलेक्शन कराना।
लोगों का लोगों की लाशों से कमाना।
और मैं चला जाऊं तो उत्सव मनाना।
फिर भी तुम फिकर मत करना और ना घबराना। ना परेशान होना ना सर को खोजाना।
और मैं चला जाऊं तो उत्सव मनाना।
सारी दुनिया हार के खुद को जीतो और मुस्कुराना।
और याद मेरी आए तो उत्सव बनाना।
बिना स्वार्थ कुछ कभी किसी के लिए कर सको तो कर जाना।
और याद मेरी आए तो उत्सव मनाना।
मैंने भी किसी अपने को खोया है तकदीर के पन्नों को फिर से एक बार सजोया है कह नहीं सकता तुमको के मुस्कुराना।
पर जिस दिन मैं जाऊं तो यह गलती मत दोहराना।
बात यह समझ आए तो ताली बजाना।
तुम तो बस उत्सव मनाना उत्सव मनाना उत्सव मनाना।
याद मेरी आए तो उत्सव मनाना।